यदि 15 अप्रैल से ट्रेनों का संचालन शुरू हो भी गया ताे हो सकता है यात्रियों को शताब्दी, राजधानी एक्सप्रेस जैसी फुल एसी ट्रेनों में सफर करने को न मिले। एहतियात के तौर पर यह भी हो सकता है कि अन्य ट्रेनों से भी एसी कोच हटाकर सिर्फ स्लीपर कोच लगाकर ऑपरेशन शुरू किया जाए। साथ ही जनरल श्रेणी के कोच भी हटाए जा सकते हैं। ट्रेन की मिडिल और साइड अपर बर्थ को खाली रखा जा सकता है। इसके अलावा वेटिंग टिकट पर लोगों को यात्रा नहीं करने दी जाएगी। रेल मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कोरोना के संक्रमण को देखते हुए नॉन एसी ट्रेनों को चलाने की तैयारी रेलवे कर रहा है। इसके लिए रेलवे बोर्ड प्लान बना रहा है। इसकी घोषणा एक-दो दिन में की जा सकती है।
यदि रेलवे एसी श्रेणी के कोच वाली ट्रेनों का संचालन करता है, तो हो सकता है उनमें सफर करने वाले कुछ यात्रियों को अचानक सर्दी-खांसी हो जाए। इसी को देखते हुए रेलवे ने पहले चरण में सीमित संख्या में मुंबई-दिल्ली रूट पर 50 से 60 के बीच ट्रेनों का संचालन करने की तैयारी शुरू की है। ट्रेनों के संचालन के लिए रेलवे बोर्ड ने सभी जोन व मंडलों से तैयारी रखने को भी कहा है। हालांकि अभी लॉकडाउन की स्थिति का आकलन भी जारी है।